स्वामी विवेकानंद जी के प्रेरणादायक अनमोल विचार/ Swami Vivekananda Motivational Quotes in Hindi
स्वामी विवेकानंद सनातन धर्म कि उन महान शख्सियतों में से एक हैं जिन्होंने अपनी युवा अवस्था में ही सन्यासी जीवन का चोला ओढ़ लिया था तथा जिन्होंने इस सन्यासी जीवन को हिन्दू धर्म को समर्पित कर दिया. जिन के दिए गए महान भाषणों ने विश्व में तहलका मचा दिया. स्वामी जी ने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 11 सितंबर 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था तथा इस विश्व धर्म सम्मलेन में दिए गए भाषण को आज भी पूरा विश्व याद करता है.
उनके भाषण का पहला शब्द 'मेरे अमेरिकी भाइयो और बहनों' आज भी इस महान सन्यासी की विचारदारा की खुश्बू समेटे है.
स्वामी विवेकानन्द जी ने ‘योग’, ‘राजयोग’ , ‘ज्ञानयोग’ जैसे ग्रंथों की रचना करके युवाओ में योग की अलख जगाई तथा हिंदू धर्म में चली आ रही कई कुरीतियों को समाप्त किया.
आज ज्ञानीमास्टर आपके समक्ष इन्ही महान शख्सियत के प्रेरणादायक अनमोल विचार लेकर आया है जिन्हें पढ़ कर आप गर्व की अनुभूति करेंगे. ये महान विचार आपमें फिर से अपने लक्ष्य के प्रति कम हो चुकी उमीदों में नयी जान डाल देंगे.
तो चलिए जानते हैं स्वामी विवेकानंद जी के प्रेरणादायक अनमोल विचार
1. यह सोचना सबसे बड़ा विधर्म है कि मैं निर्बल हूं या अन्य निर्बल है.
2. किसी से कुछ मत मांगिये, किसी से कोई अपेक्षा मत रखिए. चुपचाप अपने कार्य में लगे रहिए.
3. कोई और तुम्हारी मदद नहीं कर सकता, अपनी मदद स्वयं करो
तुम ही खुद के सबसे अच्छे मित्र हो और सबसे बड़े दुश्मन भी.
4. जिस समय पर आप जिस काम की प्रतिज्ञा करते हैं उसे उसी समय पर पूरा कीजिए अन्यथा लोगों का विश्वास आपसे से उठ जायेगा.
5. वे अकेले रहते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं,
बाकि जिन्दा होने से ज्यादा मरे हुए हैं.
6. विनम्र बनो, साहसी बनो, शक्तिशाली बनो.
7. एक शब्द में, यह आदर्श है कि तुम परमात्मा हो.
8. एक अच्छे चरित्र का निर्माण हजारों बार ठोकर खानें के बाद ही होता हैं.
9. ब्रह्मांड कि सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं वो हम हीं है जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते है और फिर रोते है कि कितना अंधकार हैं.
10. पवित्रता, धैर्य तथा प्रयत्न के द्वारा सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं, इसमें कोई सन्देह नहीं कि महान कार्य धीरे धीरे होते हैं.
11. विश्व में अधिकांश लोग इसलिये असफल हो जाते है क्योंकि उनमें समय पर साहस का संचार नहीं हो पाता, वे भयभीत हो उठते हैं.
12. अनंत श्रद्धा और हिम्मत ही मात्र सफलता का रहस्य है.
13. सब कुछ खोने से ज्यादा बुरा क्या है? वो उम्मीद खोना जिसके भरोसे पर हम सब कुछ वापस पा सकते है.
14. किसी मक़सद के लिए खड़े हो तो एक पेड़ की तरह, गिरो तो बीज की तरह ताकि दोबारा उग कर उसी मक़सद के लिए जंग कर सको.
15. उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए
16. यदि पैसा एक आदमी को दूसरों के लिए अच्छा करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है; लेकिन अगर नहीं करे, तो यह बुराई का गढ़ है, और इससे जितनी जल्दी छुटकारा मिले, बेहतर है.
17. दुनिया एक महान व्यायामशाला है, जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं.
18. एक विचार को लो. उस एक विचार को अपना जीवन बनाओ – उस पर मनन करो, उसके सपने देखो, उस विचार को जियो. मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, अपने शरीर के हर हिस्से को, उस विचार से पूरा भर दो, और सिर्फ एक, बाकी दुसरे हर विचार को छोड़ दो. यही सफलता का रास्ता है.
19. जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते.
20. दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो.
21. स्वतंत्र होने का साहस करो जहां तक तुम्हारे विचार जाते हैं वहां तक जाने का साहस करो और उन्हें अपने जीवन में उतारने का साहस करो.
22. उठो मेरे शेरो इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छ जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो ना ही शरीर हो तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो.
23. जिस तरह से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धाराएं अपना जल समुद्र में मिला देती है ठीक उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना प्रत्येक मार्ग, चाहे अच्छा हो या बुरा भगवान तक जाता है.
24. लोग मुझपर इसलिए हसते है की मै उनसे अलग हु और मै उनपर इसलिए हसता हु की सब एक जैसे ही है.
25. किसी भी चीज से डरने के बजाय निडर होकर अपने काम करो तो वही काम हमे परम आनंद का अनुभव कराता है.
26. मनुष्य की कामनाये समुन्द्र की तरह अनंत है अगर एक इच्छा पूरी होती है तो यह समुन्द्र में कोलाहल की तरह अनंत इच्छाए उत्पन्न करती है.
27. खड़े हो जाओ, खुद में हिम्मत लाओ और सारी जिम्मेदारी के लिए खुद जिम्मेदार बनो तब खुद आप अपने भाग्य के रचियता बन सकते है.
29. जीवन में आगे बढने के लिए बना बनाया रास्ता कभी नही मिलता है जीवन के रास्ते खुद बनाने पड़ते है और जैसा रास्ता बनाते है वैसी मंजिल भी हासिल होती है.
30. महात्मा वो है, जो गरीबों और असहाय के लिए रोता है अन्यथा वो दुरात्मा है.
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