जाने महान योद्धा नेपोलियन से जुड़े दिलचस्प तथ्य/ Napoleon Bonaparte Important Facts in Hindi
नेपोलियन विश्व के महान योद्धाओं में गिना जाने वाला एक प्रसिद्ध योद्धा था. एक ऐसा योद्धा जिसने अपने चतुर दिमाग, दूरगामी सोच, तथा अपने दृढ़ निश्चय के बल पर फ्रांस, इटली, तथा यूरोप के ज्यादातर हिस्सों पर अपना अधिकार जमा लिया था. एक ऐसा योद्धा जो फ्रैंच सेना में भर्ती होकर सेना के उच्च पद पर पहुंचा तथा उच्च पद से वह राजनीतिक गलियारों में अपना स्थान बनाने लगा तथा जिसने अपने जीवन के अंत तक आते-आते यूरोप के अधिकतर हिस्सों को जीत कर अपने अधिकार में ले लिया था.जी हां दोस्तों आज हम आपसे इसी महान योद्धा नेपोलियन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य पेश कर रहे हैं. यह जानकारी आपको नेपोलियन को समझने में महत्वपूर्ण साभित होगी.
तो चलिए जानते हैं महान योद्धा नेपोलियन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य.
पूरा नाम - नेपोलियोनि दि बोनापार्टेजन्म - 15 August, 1769
जन्मस्थान - अज़ाशियो
पिता - कार्लो बोनापार्ट
माता - लेटीजिए रमोलिनो
1. नेपोलियन का पूरा नाम Napoleon Bonaparte था. नेपोलियन का जन्म 15 अगस्त 1769 में कोर्सिका द्वीप के अजासियो नामक स्थान पर हुआ था.
2. नेपोलियन के पिता का नाम कार्लो बोनापार्ट था तथा यह फ्रांस के राजा के दरबार में कोर्सिका द्वीप की तरफ से प्रतिनिधि थे.
3. नेपोलियन की माता का नाम लेटीजिए रमोलिनो था. नेपोलियन के चार भाई और तीन बहने थी.
4. नेपोलियन के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत थी इसी के दम पर नेपोलियन ने अच्छी शिक्षा प्राप्त की तथा सैनिक अफसर बनने के लिए फ्रांस की मिलिट्री अकैडमी से पढ़ाई की.
5. 16 साल की उम्र में नेपोलियन के पिता की मृत्यु हो गई और वह अपनी पढ़ाई छोड़ कर अपने घर कोर्सिका आ गए.
6. नेपोलियन जब कोर्सिका में थे तब फ्रांस की क्रांति शुरू हो गई. फ्रांस की क्रांति शुरू होने का अहम कारण फ्रांस के राजशाही व्यवस्था को खत्म करना तथा लोकतंत्र की स्थापना करना था. यह क्रांति 1789 से 1799 तक चली.
7. नेपोलियन को जब फ्रांस की क्रांति के बारे में पता चला तो वह कोर्सिका छोड़कर फ्रांस आ गए तथा वहां विद्रोहियों के एक संगठन के साथ जुड़ गए. उनकी कार्यकुशलता तथा दृढ़ निश्चय को देखते हुए उन्हें विद्रोही सेना की एक टुकड़ी का कमांडर बना दिया गया.
8. नेपोलियन की युद्ध क्षमता परखने के लिए विद्रोही संगठन के मुखिया ने उन्हें एक कार्य सौपा. फ्रांस के टाउलुंन शहर में इंग्लैंड की सेना ने 1793 से कब्जा जमा रखा था. नेपोलियन को अंग्रेजों को इस शहर से खदेड़ने की जिम्मेदारी दी गई.
9. नेपोलियन ने बड़ी चतुराई से अंग्रेजों पर विजय पाई तथा उन्हें शहर से खदेड़ने में सफलता हासिल की. नेपोलियन की इस विजय की चर्चा फ्रांस के राजनीतिक गलियारों तक जा पहुंची तथा उन्हें सेना का ब्रिगेडियर जनरल बना दिया गया. जब नेपोलियन ब्रिगेडियर जनरल बने तब वह मात्र 24 साल के थे.
10. 1796 में नेपोलियन की युद्ध कला की एक बार फिर परीक्षा हुई. नेपोलियन को इटली से लड़ रही फ्रांस की सेनाओं की कमान सौंपी गई. जब नेपोलियन इटली पहुंचे तो वहां फ्रांस की सेनाएं ऑस्ट्रिया की सेना से बुरी तरह हार रही थी. नेपोलियन के चतुर दिमाग ने कुशल रणनीति के तहत फ्रांस की सेना को लड़ने के लिए प्रेरित किया.
11. नेपोलियन की ये रणनीति सफल हुई तथा वह ऑस्ट्रिया की सेना को इटली से बाहर करने में कामयाब हो गए. उनकी इस जीत ने उन्हें फ्रांस की जनता का हीरो बना दिया था.
12. नेपोलियन की फ्रांस में बढ़ती लोकप्रियता के कारण 1798 में उन्हें मिस्त्र में भेज दिया गया. नेपोलियन मिस्त्र के शहर अलेक्जेंड्रिया को जीतकर 1799 में फ्रांस लोट आया तथा फ्रांस लौटने पर उन्हें 3 सदस्य मंत्रिपरिषद का अंग बना दिया गया.
13. अपने चतुर दिमाग के दम पर नेपोलियन 1804 में फ्रांस का सम्राट बना.फ्रांस का सम्राट बनने के बाद नेपोलियन ने फ्रांस के संविधान में कई बदलाव किए. इन सभी बदलावों में 'नेपोलियन कोड' नामक एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया इसके तहत नेपोलियन ने सदियों से चली आ रही फ्रांस की सरकारी पदवियों पर जन्म और धर्म के आधार पर कब्जा करने की प्रथा को खत्म कर दिया तथा इसे योग्यता के आधार पर कर दिया गया.
14. नेपोलियन ने 1805 से लेकर 1811 तक फ्रांसीसी साम्राज्य का विस्तार किया.इस समय के दौरान नेपोलियन फ्रांसीसी सम्राज्य का चौतरफा विस्तार कर रहा था नेपोलियन ने कई छोटे देशों को फ्रांस साम्राज्य में मिला लिया था तथा धीरे-धीरे यूरोप के भी कई हिस्सों पर अपनी हुकूमत स्थापित कर ली थी. सन 1811 में फ्रांसीसी साम्राज्य अपने चरम पर था.
नेपोलियन के पतन के प्रमुख कारण
15. सन 1812 में नेपोलियन ने रूस पर हमला करने का फैसला लिया परंतु यह फैसला उसकी जिंदगी का सबसे बुरा फैसला था यही से नेपोलियन के पतन की नींव पड़ी थी.
16. रूस के साथ नेपोलियन की सेना का कड़ा युद्ध हुआ तथा इस युद्ध में नेपोलियन की जीत हुई परंतु यह जीत सही मायनों में नेपोलियन की हार थी. क्योंकि इस जीत में नेपोलियन के चार लाख से ज्यादा सैनिक शहीद हो गए थे. नेपोलियन अपने साथ 5 लाख सैनिको की टुकड़ी लेकर चला था जिसमें से वापस फ्रांस लौटने पर उसके साथ सिर्फ 100000 सैनिक ही थे. नेपोलियन के सैनिक, युद्ध में शहीद होने की बजाय, मौसम की मार, भुखमरी, आदि कारणों से मारे गए थे.
17. नेपोलियन के वापस लौटने पर फ्रांस के राजनीतिक हालात बदल चुके थे. कई देशों ने फ्रांस को अपने कब्जे में लेने के लिए सेना लगा दी थी. नेपोलियन के मात्र एक लाख सैनिक इन देशों की सेना से नहीं जीत सकते थे और अंत में नेपोलियन अपने ही देश में हार गया.
18. सन 1813 में नेपोलियन की हार के बाद नेपोलियन को फ्रांस छोड़कर इटली के एल्बा द्वीप में बसना पड़ा. परंतु दूसरे ही वर्ष उसकी किस्मत फिर बदली और वह फ्रांस की सत्ता पर काबिज हो गया. परंतु अब ना तो नेपोलियन के पास सशक्त सेना थी और ना ही उसका स्वास्थ्य ठीक रहता था.
19. 18 जून 1815 के दिन ब्रिटेन, रूस, ऑस्ट्रिया, हंगरी जैसे देशों ने अपनी संयुक्त सेना लेकर नेपोलियन पर हमला कर दिया. क्युकी नेपोलियन के पास इस विशाल सेना का मुकाबला करने की क्षमता नहीं थी इसी कारण नेपोलियन इस युद्ध को आसानी से हार गया तथा उसने आत्मसमर्पण कर दिया. इस युद्ध को वाटरलू का युद्ध कहा जाता है क्योंकि यह वाटरलू शहर में लड़ा गया था.
20. वाटरलू का युद्ध हारने के बाद नेपोलियन को गिरफ्तार करके सेंट हेलेना द्वीप पर बंदी बनाकर रखा गया जहां 1821 में नेपोलियन की मृत्यु हो गई.
21. मृत्यु के बाद नेपोलियन को सेंट हेलेना द्वीप पर ही दफना दिया गया परंतु सन 1840 में उनके अवशेषों को लाकर फ्रांस में दफनाया गया.
कहां जाता है नेपोलियन की मृत्यु पेट के कैंसर की वजह से हुई थी परंतु नेपोलियन की मृत्यु को लेकर इतिहासकारों में भिन्न-भिन्न मतभेद रहे हैं.
नेपोलियन के बाल के अवशेष की फॉरेंसिक जांच से पाया गया है कि नेपोलियन की मृत्यु पोइजन के कारण हुई थी. रूसी सेना नेपोलियन को खाने में मरकरी नामक जहर मिलाकर देती थी जो धीरे-धीरे नेपोलियन के शरीर को खत्म कर रहा था तथा इसी के कारण नेपोलियन को कैंसर हुआ और इसी कैंसर के कारण नेपोलियन की मृत्यु हुई परंतु इन तथ्यों पर आज भी इतिहासकारों की स्पष्ट राय नहीं है.
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Image Source : Pinterest
Aapne kaafi achi jankari di hai. Thnks gyanimaster
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